जब तुम आओगे जिंदगी में बहार बनकर--
खूबसूरत होगा वो समां जब तुम आओगे जिंदगी में बहार बनकर
मिलेंगे हम पहली बार 'अनजान' बनकर
फिर हम करेंगे कुछ बातें यार बनकर
फिर हम समझेंगे एक- दूसरे को 'समझदार' बनकर
फिर एक दिन हम देंगे तुम्हें अपने 'भावनाओं' का उपहार ,मेजबान बनकर
फिर तुम उसे' स्वीकार' करोगे ,मेहमान बन कर
फिर हम हमेशा साथ रहेंगे ',दो जिस्म एक जान' बनकर
मुझे यकीन है तुम एक दिन जरूर आओगे मेरी जिंदगी में बहार बनकर
प्रतियोगिता हेतु
संजना पोरवाल